सुकून नहीं मिलता उजाले में बस नींद ही बेमिसाल है । सुकून नहीं मिलता उजाले में बस नींद ही बेमिसाल है ।
आखिर वो सपने ही तो है, जो हमारी ही पलकों में पलते हैं, और सुबह होते ही निकल जाते हैं आखिर वो सपने ही तो है, जो हमारी ही पलकों में पलते हैं, और सुबह होते ही निक...
उनकी बातों के निशान बहुत गहरे हैं , चारों तरफ सिर्फ पहरे ही पहरे हैं। उनकी बातों के निशान बहुत गहरे हैं , चारों तरफ सिर्फ पहरे ही पहरे हैं।
रोको सोने से, मुझसे न करो दुःसाहस शायद यह नींद ख़त्म हो, जब हो मरण।। रोको सोने से, मुझसे न करो दुःसाहस शायद यह नींद ख़त्म हो, जब हो मरण।।
तेरे साथ मिलन की जब उम्मीद जगती, खुली पलकों से तब सुबह की किरण दिखती। तेरे साथ मिलन की जब उम्मीद जगती, खुली पलकों से तब सुबह की किरण दिखती।
जब मेरी शुरू हुई कविता, तब दस्तक दी थी दिल में! जब मेरी शुरू हुई कविता, तब दस्तक दी थी दिल में!